fraud by Ajay Jain, Vijay Jain S/o Suresh Jain of Jain realtors, dwarka, Delhi
See the attached file about these criminals/cheatersdtd.23-07-2015. Home Cover Story करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करके भी कानून की पकड़ से दूर हैं ‘जैन रियलटर्स’ के मालिक करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करके भी कानून की पकड़ से दूर हैं ‘जैन रियलटर्स’ के मालिक Posted on dated: July23, 2015 | 1:50 pm ( News Link —- http://legendnews.in/multi-crore-fraud-jain-realtors-owner-a)
Home Cover Story करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करके भी कानून की पकड़ से दूर हैं ‘जैन रियलटर्स’ के मालिक
करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करके भी कानून की पकड़ से दूर हैं ‘जैन रियलटर्स’ के मालिक
Posted date: July 23, 2015 | 1:50 pm
मथुरा की रियल एस्टेट कंपनी कोशदा बिल्डकॉन प्रा. लि. के वृंदावन स्थित प्रोजेक्ट ‘मंदाकिनी’ में कथित साझेदारी की आड़ लेकर दिल्ली बेस्ड कंपनी ‘जैन रियलटर्स’ द्वारा विभिन्न लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।
जैन रियलटर्स के मालिकानों ने वृंदावन स्थित प्रोजेक्ट ‘मंदाकिनी’ में कथित साझेदारी के नाम पर तमाम फ्लैट्स का सौदा कर लिया और विभिन्न लोगों से बतौर एडवांस लाखों रुपए ले लिये जबकि जैन रियलटर्स की कोशदा बिल्डकॉन से कथित साझेदारी पहले ही विवादित हो गई थी।
जैन रियलटर्स के मालिकानों ने फ्लैट की बुकिंग के नाम पर जिन लोगों से लाखों रुपए हड़प लिये, उनमें से आधा दर्जन लोगों ने जैन रियलटर्स के मालिकानों अजय जैन व विजय जैन पुत्रगण सुरेश चन्द्र जैन तथा सुरेश चन्द्र जैन पुत्र भिक्कीमल जैन निवासीगण 3-4, हिमालयन अपार्टमेंट प्लॉट नंबर-10 सैक्टर 22 द्वारका नई दिल्ली के खिलाफ थाना कोतवाली वृंदावन में मुकद्दमा दर्ज करा रखा है किंतु पुलिस अब तक अजय व विजय जैन को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
पुलिस ने इस मामले में मात्र सुरेश चंद्र जैन की गिरफ्तारी की थी जो कई महीने जेल में रहने के बाद जमानत लेने में सफल रहे।
जैन रियलटर्स की धोखाधड़ी के शिकार बने लोग अब अपने पैसों की वसूली के लिए पुलिस तथा अदालत के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।
जैन रियलटर्स के शिकार बने एक एनआरआई वृद्ध प्रबल रंजन रे तो अपनी जिंदगीभर की जमा पूंजी अजय व विजय जैन को दे बैठे और अब न्याय की उम्मीद लगाये बैठे हैं ताकि उनका पैसा उनके जीते जी वापस मिल सके।
जिन लोगों ने जैन रियलटर्स के मालिकानों अजय व विजय जैन तथा उनके पिता सुरेश जैन के खिलाफ एफआईआर कराई है उनमें बनवारी लाल शर्मा निवासी बी-5, टोडरमल मार्ग, बनी पार्क जयपुर (राजस्थान), बीना अग्रवाल पत्नी संतोष कुमार अग्रवाल निवासी 135 डीडीए फ्लैट, पॉकेट 1-2, द्वारका नई दिल्ली, जयवीर जैन पुत्र स्व. रायबहादुर जैन, निवासी 807, सैक्टर 17 ए, गुड़गांव हरियाणा, श्रीमती सरोज जैन पत्नी धर्मवीर जैन निवासी ए 377 इंदिरा नगर, लखनऊ (उप्र), श्रीमती मीरा जैन पत्नी जयवीर जैन निवासी 807, सैक्टर 17 ए, गुड़गांव हरियाणा तथा खुशीन्दर बाली पुत्र यशपाल बाली निवासी स्काईलोक, सीजीएचएस लि. सैक्टर-6, प्लॉट नंबर-35, द्वारका नई दिल्ली शामिल हैं।
यह सभी एफआईआर थाना कोतवाली वृंदावन जनपद मथुरा में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 504 व 506 के तहत अलग-अलग अपराध संख्या पर दर्ज हैं।
यह भी पता लगा है कि वृंदावन पुलिस ने अजय और विजय जैन के खिलाफ दर्ज मुकद्दमों की तादाद तथा अपराध की गंभीरता के मद्देनजर इन पर गैंगेस्टर एवं गुण्डा एक्ट की कार्यवाही करते हुए ईनाम घोषित कर दिया है, बावजूद इसके वह इन दोनों भाइयों को गिरफ्तार करने में कोई रुचि नहीं दिखा रही जिससे पीड़ित पक्ष काफी निराश हैं।
पुलिस के इस ढीले रवैये का कारण, पुलिस के ही सूत्र इनकी उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ बड़े अधिकारियों से नजदीकी बताते हैं।
करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के इस मामले का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जो पुलिस छोटे-छोटे आपराधिक मामलों में पूरी सक्रियता दिखाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दविश पर दविश देती है, वह एक रियल एस्टेट कंपनी चलाने वाले दो सगे भाइयों को महीनों बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पा रही जबकि वो और उनके परिजन खुलेआम दिल्ली स्थित अपने ठिकानों पर बेखौफ धंधा करते देखे जा सकते हैं।
यहां सवाल यह नहीं है कि कोशदा बिल्डकॉन प्रा. लि. के वृंदावन स्थित प्रोजेक्ट मंदाकिनी में जैन रियलटर्स की साझेदारी है या नहीं, और है तो कितनी है। सवाल यह है कि इस विवादित साझेदारी के बीच जिस तरह से अजय व विजय जैन तथा उनके पिता सुरेश जैन ने विभिन्न लोगों से करोड़ों रुपए की रकम हड़प ली, वो कहां जाएं। वह कैसे अपनी रकम निकलवाएं और यह रकम कब तक निकल पायेगी।
इस संबंध में पूछे जाने पर वृंदावन पुलिस ने इतना जरूर बताया कि जैन रियलटर्स के मालिकानों अजय व विजय जैन तथा उनके पिता सुरेश चन्द्र जैन के खिलाफ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के दर्ज लगभग सभी आधा दर्जन मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है लिहाजा अब वह बहुत दिनों तक बच नहीं पायेंगे।
रहा सवाल पुलिस द्वारा उनको गिरफ्तार न कर पाने का, तो पुलिस ने उनके पिता को गिरफ्तार किया था और कई महीने वह मथुरा जिला कारागार में निरुद्ध भी रहे।
पुलिस का कहना है कि अजय और विजय जैन के खिलाफ गुण्डा एक्ट व गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही करने का मकसद भी उनको कानून की गिरफ्त में लाने का था और अब चूंकि लगभग सभी मामलों में आरोप पत्र कोर्ट के अंदर दाखिल किये जा चुके हैं इसलिए कोर्ट की मंशा के अनुरूप कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
-लीजेंड न्यूज़ विशेष
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